Tuesday, 4 October 2016

।। श्री गणेशायः नमः ।।

दोस्तों आज का युग जैट का युग है और इस तेजी से चल रहे युग में हमारी हिन्दी भाषा उस हिसाब से नहीं चल पा रही हेै जितना कि उसे चलना चाहिए। कारण स्पष्ट है -युवाओं में हिन्दी के प्रति ललक का  उतना न होना जितना कि होना चाहिए मेरे इस ब्लोग का उद्देश्य काफी हद तक हिन्दी को बढ़ावा देना है इसलिए आज मेैं बहुत खुश हूँ।
 दोस्तों मैं आपको यह बताना चाहता हूँ कि मैने इस ब्लोग को क्यों बनाया जैसा कि आप सभी जानते हैं कि हर एक काम या कुछ करने के पीछे एक वजह होती हैे और बो वजह छोटी हो या ब़ड़ी कोई फर्क नहीं पड़ता।--- में इस ब्लोग के जरिए अपने  कुछ अनुभव को शेयर करना चाहता हूँ जो मैने महसूूस किए हैं या आगे करूँगा  मैं इस ब्लोग के माध्यम से लोगों के बीच एक सामंजस्य  और अच्छी सोच को उत्पन्न करना चाहता हूँ ताकि हम कभी निराश न हो और हताश न हों।
दोस्तों मुझे आप सभी से यह आशा है कि आप मेरी इस मिशन में मेरी सहायता करेंगे ।
                                                                                                         जय प्रवाह

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