प्रिय दोस्तों,
जिन्दगी संघर्ष का दूसरा नाम है अतः किसी भी जीवनशैली में उच्चतम स्थान प्राप्त करने के लिए श्रम-साध्यता की शर्त अनिवार्य है। आप जिस किसी भी माध्यम से अपने आजिविका की तलाश या जीवन में आगे बढ़ने की तलाश करना चाह रहे हैं उसमें फूल कम कांटे अधिक हैं । सच्चाई तो यह है कि हमारा जीवन उस रेगिस्तान के पथिक की तरह होना चाहिेए जो मार्ग के सारे झंझावतों को झेलते हुए भी अपनी मंजिल की ओर सदैव आगे बढ़ता है। आप लोगों के लिए मै एक कविता प्रस्तुत करने जा रहा हूँ विश्वास है कि आप इससे जरूु कुछ प्रेरणा पा सकेंगे।
जिन्दगी संघर्ष का दूसरा नाम है अतः किसी भी जीवनशैली में उच्चतम स्थान प्राप्त करने के लिए श्रम-साध्यता की शर्त अनिवार्य है। आप जिस किसी भी माध्यम से अपने आजिविका की तलाश या जीवन में आगे बढ़ने की तलाश करना चाह रहे हैं उसमें फूल कम कांटे अधिक हैं । सच्चाई तो यह है कि हमारा जीवन उस रेगिस्तान के पथिक की तरह होना चाहिेए जो मार्ग के सारे झंझावतों को झेलते हुए भी अपनी मंजिल की ओर सदैव आगे बढ़ता है। आप लोगों के लिए मै एक कविता प्रस्तुत करने जा रहा हूँ विश्वास है कि आप इससे जरूु कुछ प्रेरणा पा सकेंगे।
रेगिस्तान का पथिक
रेगिस्थानी जिन्दगी धूल से पटी हुई
चिलचिलाती धूप आग उगलती हुई।
काँट और कंटीली झाड़ियाँ उत्साह की मुरझाए हुए
विरानी की हुक आँखों की भाव शून्यता बढ़ाए हुए।
चटपटाते होठ पर पानी की दो बूँद नहीं
पेट है कि पत्तल मंजिल के आगे कोई सुध नहीं।
जहरीलें जानवर रास्ते में हैं बड़े-बड़े
डस ले तो जिन्दगी खत्म हो जाए खड़े-खड़े
पर उसे खौफ नहीं कि कैसे सामना होगा
लहू-लूहान वह होगा कि उनका खात्मा होगा।
मुश्किल है रास्ता पर उसे कारवें की तलाश नहीं,
अकेला चलना है उसे वह भीड़ का दास नहीं।
देखा है उसने लोगों को दबते भरी जवानी में,
पर फर्क नहीं उसे मौत और जिन्दगानी में।
रात का अँधेरा भटका दे है उसे गम नहीं
आज पहुँचे या कल पहुँचे हिम्मत होगी कम नहीं।
मुझे आशा ही नहीं अपितु विश्वास है कि यह चन्द पक्तियां से हम अपने लक्ष्य में आने वाली हर उस मुश्किल का सामना करने में समर्थ होंगे जिनसे लोग अक्सर डर कर भाग जाते हैं।
यह कविता अगर आप को जरा सा भी प्रेरित करे तो उस पर कमेन्ट कर अपना कीमती सुझाव जरूर दें ताकि आपके सुझाव से में भी प्रेरित हो सकूँ।
धन्यवाद।प्रवाह
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